- मुख्यपृष्ठ
-
Election
-
निवडणूक
अनुच्छेद 370: उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती गिरफ्तार, राज्यपाल ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
अनुच्छेद 370: उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती गिरफ्तार, राज्यपाल ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
अनुच्छेद 370 पर गृहमंत्री अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत सरकार ने हजारों करोड़ रुपये जम्मू और कश्मीर के लिए भेजे, लेकिन वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, 370 का उपयोग करके वहां भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने वाले कानून लागू नहीं होने दिए गए.
एबीपी माझा वेब टीम
Last Updated:
05 Aug 2019 11:31 PM
एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने सुरक्षा, कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की, उन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, शांति भंग की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के कुछ नेताओं की गिरफ्तारी हो सकती है. नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को कल रात नजरबंद किया गया था. अनुच्छे 370 खत्म किए जाने के मद्देनजर लिया गया है फैसला.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा से पास हो गया है. पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 61 वोट पड़े. बिल में प्रावधान किया गया है कि जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाली केंद्रशासित क्षेत्र होगा. आज दिन में गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी. शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान तकनीकी समस्या होने के बाद पर्ची के माध्यम से वोटिंग कराया जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया जारी. आज सुबह गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बिल पेश किया था.
जम्मू-कश्मीर में 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण बिल राज्यसभा से पास हो गया है. इससे पहले अनुच्छेद 370 पर अमित शाह ने कहा कि सभी दलों से उम्मीद है कि वह समर्थन करेंगे.
अमित शाह ने कहा कि पांच साल के भीतर कश्मीर में बदलाव होंगे. विकास होगा. मैं वहां के युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं. अनुच्छेद 370 हटाने से हालात सामान्य होंगे.
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर स्थायी तौर पर केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा. जैसे ही उचित समय आएगा हम राज्य बनाएंगे. मैं जम्मू-कश्मीर की जनता से कहना चाहता हूं कि जिस तरह के भाषण हुए उससे लगता है कि थोड़ा लंबा समय लगेगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हुर्रियत, आईएसआई, घुसपैठिए इन सब लोगों ने कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया है. 1990 से लेकर 2018 तक 41,894 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
अमित शाह ने कहा कि भारत से कश्मीर के जुड़ाव का अनुच्छेद 370 से कोई जुड़ाव नहीं है. कई रियासतें भारत के साथ आई और उनकी संस्कृति बची रही.
अमित शाह ने कहा कि घाटी के युवाओं को गले लगाना चाहते हैं. अच्छी सुविधाएं और रोजगार देना चाहते हैं. भारत के अंदर जिस प्रकार से विकास हुआ है , उसी प्रकार कश्मीर में चाहते हैं. पंडित नेहरू ने भी कहा था कि घिसते-घिसते अनुच्छेद 370 खत्म हो जाएगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के रहते हुए आतंकवाद पर लगाम लगाना मुश्किल है. वहां के युवाओं को गुमराह किया जाता है. जो उकसाते हैं उनके बच्चे लंदन और अमेरिका में पढ़ते हैं. पढ़ाएं जम्मू-कश्मीर में.
अमित शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35A हटाने से घाटी का, जम्मू का, लद्दाख का भला होने वाला है. आर्टिकल 370 और 35A हटने के बाद जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बनने वाला है.
अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों ने एनजीओ की ब्रिगेड बना रखी है. वो लोग इसे चुनौती देंगे लेकिन चुनौती देने से कुछ नहीं होगा.
अमित शाह ने कहा कि बिल को लेकर मतभेद हो सकता है. अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए हटने से भला होने वाला है. अभिन्न अंग बनने वाला है.
अमित शाह ने कहा कि वहां अस्पताल नहीं है. डॉक्टर नहीं जाना चाहते हैं. क्योंकि वहां वह जमीन नहीं खरीद सकता है. अन्य हिस्सों में डॉक्टर जाते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर नहीं जाना चाहते हैं. इसका मूल कारण अनुच्छेद 370 है. सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन कश्मीर में नहीं है. पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद से पूछना चाहता हूं कि वहां के बच्चे को शिक्षा का अधिकार क्यों नहीं मिलता है.
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन की अपार संभावनाएं. वहां बड़ी-बड़ी कंपनियां जाना चाहती है. होटल खोलना चाहती है. लेकिन वहां अनुच्छेद 370 के कारण कंपनी नहीं खोल सकते हैं. अगर इंडस्ट्री नहीं लगेगा तो लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा. मैं घाटी के युवाओं से कहना चाहता हूं कि इससे आपको फायदा नहीं होगा.
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि करोड़ों रुपये विकास के लिए भेजे गए. लेकिन जमीन पर काम नहीं हुआ. भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एजेंसी जम्मू-कश्मीर में काम नहीं करती है क्योंकि वहां अनुच्छेद 370 लागू है. कश्मीर में टूरिज्म नहीं बढ़ा. वहां बाहर के लोग बिजनेस नहीं कर पाते हैं. वजह अनुच्छेद 370 है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 गरीबी, आतंकवाद की जड़ है. अनुच्छेद 370 की वजह से ही भ्रष्टाचार है. तीन परिवारों के शासन ने जम्मू-कश्मीर को बर्बाद किया. वोटबैंक की राजनीति नहीं करे विपक्ष. वहां के अधिकारों को छीना गया. जम्मू-कश्मीर की जनता लोकतंत्र चाहती है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 अस्थाई था और इसे कभी न कभी हटना था लेकिन पिछली सरकारों ने वोट बैंक के लिए इसे हटाने की हिम्मत नहीं की. कैबिनेट ने आज हिम्मत दिखाकर और जम्मू कश्मीर के लोगों के हित के लिए यह फैसला लिया है.
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं जो संकल्प और बिल लेकर आया हूं उसपर कुछ सदस्यों ने शंका जताई है. मैं मानता हूं कि जम्मू कश्मीर में लंबे रक्तपात भरे युग का अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से होगा.
कश्मीर के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं बहस के दौरान सारे सवालों का जवाव दूंगा. उन्होंने कश्मीर पर राष्ट्रपति की अधिसूचना की जानकारी लोकसभा में दी.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने संबंधी केंद्र के कदम के बाद पड़ोसी राज्य पंजाब ने माहौल बिगाड़ने वाले किसी तरह के जश्न या प्रदर्शन पर सोमवार को पाबंदी लगा दी.
सूत्रों के मुताबिक, राज्य पुनर्गठन बिल में इसका प्रावधान किया गया है कि नई बनने वाली जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 114 सीटें होंगी. फिलहाल विधानसभा में 111 सीटें हैं. लेकिन इनमें 24 वो सीटें हैं जो पाक अधिकृत कश्मीर के लिए सांकेतिक तौर पर रखी गई हैं. मतलब व्यवहारिक तौर पर वर्तमान विधानसभा में 87 सीटें हैं जबकि 2 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. इनमें 46 सीटें कश्मीर क्षेत्र से, 37 सीटें जम्मू क्षेत्र से जबकि 4 सीटें लद्दाख क्षेत्र में हैं. देखना दिलचस्प होगा कि परिसीमन के बाद जम्मू और कश्मीर क्षेत्र को कितनी सीटें मिलती हैं.
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले और आगामी स्वतंत्रता दिवस समारोहों के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
लोकसभा में सोमवार को सुबह से ही कश्मीर के विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों ने आसन के समीप नारेबाजी की और इस दौरान उन्होंने ‘वंदे मातरम’, ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘रघुपति राघव राजा राम’ की धुन भी गुनगुनाई.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में कहा कि बिल में क्या लिखा है यह हमें पता नहीं है. सुबह 11 बजे बिल लाया गया और आप कह रहे हैं कि चर्चा करें. आप इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं? आपने किसी से सलाह नहीं ली. क्योंकि आपके पास नंबर हैं. लोकतंत्र का मतलब ये है? आप अकेले चलेंगे और देश को पीछे छोड़ देंगे. आगे किसी भी राज्य की सीमा को बदल देंगे. हम संविधान की रक्षा करेंगे.
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि भारत सरकार का कोई भी एकतरफा कदम जम्मू और कश्मीर की स्थिति को बदल नहीं सकता है, जैसा कि यूएनएससी के प्रस्तावों में निहित है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को केंद्र द्वारा खत्म किए जाने के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को जम्मू शहर में सेना की छह टुकड़ी को तैनात किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में एहतियात बरतते हुए सैन्यकर्मियों की तैनाती की गयी है.
बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने आज के दिन को महत्वपूर्ण बताते हुए संविधान को उद्धृत किया और कहा कि राष्ट्रपति अधिसूचना से अनुच्छेद 370 को हटाया जा सकता है. इस प्रक्रिया में संसद का कोई जिक्र नहीं है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मैं सरकार के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले से खुश हूं और मेरा मानना है कि यह राष्ट्रीय एकीकरण को मजबूत करने की दिशा में एक साहसिक कदम है.
कश्मीर को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस नेता पी चिंदबरम ने कहा कि क्षण भर में आप सोच सकते हैं कि आपने जीत हासिल कर ली है, लेकिन आप गलत हैं और इतिहास आपको गलत साबित करेगा. आने वाली पीढ़ियों को एहसास होगा कि यह हाउस आज कितनी गंभीर गलती कर रहा है.
अनुच्छेद 370 पर पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारत के संविधान को किसी भी कानूनी प्रावधानों का पालन किए बिना फिर से लिखा गया. इस तरह के ऐतिहासिक फैसले को इस तरह से मनमाने तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए.
अनुच्छेद 370: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद वंदना चव्हाण ने राज्यसभा में कहा कि एनसीपी इस बिल पर मतदान के वक्त अनुपस्थित रहेगी.
कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. सांसद भुवनेश्वर कलिता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस के रुख का जिक्र किया है. पिछले दिनों कांग्रेस के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस्तीफा दे दिया था.
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी पीडीपी ने केंद्र सरकार का समर्थन किया. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ''अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का तेलगू देशम पार्टी समर्थन करती है. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की शांति और सदभाव की कामना करता हूं.''
एनएसए अजीत डोभाल आज कश्मीर का दौरा कर सकते हैं. उनके साथ सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारी भी होंगे. डोभाल अनुच्छेद 370, राज्य को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद बनी स्थिति का जायजा लेंगे.
धारा 370 को लेकर राज्सभा में सरकार के प्रस्ताव कपर जमकर हंगामा हुआ. गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव का कांग्रेस-पीडीपी-टीएमसी और जेडीयू ने विरोध किया तो वहीं बीजेपी, वायएसएआर कांग्रेस, बीएसपी और समाजवादी पार्टी प्रस्ताव पर सरकार के साथ खड़ी नजर आईं.
धारा 370 को लेकर राज्सभा में सरकार के प्रस्ताव कपर जमकर हंगामा हुआ. गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव का कांग्रेस-पीडीपी-टीएमसी और जेडीयू ने विरोध किया तो वहीं बीजेपी, वायएसएआर कांग्रेस, बीएसपी और समाजवादी पार्टी प्रस्ताव पर सरकार के साथ खड़ी नजर आईं.
सूत्रों के मुताबिक सरकार के फैसले के बाद केंद्रीय गृह सचिव कश्मीर जाएंगे. वहां पर केंद्र शासित प्रदेश का स्वरूप कैसा हो इस पर अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. पुलिस और प्रशासन का खाका नए सिरे से तय किया जाएगा, सुरक्षा की भी समीक्षा की जाएगी.
इस बीच मोदी सरकार को जम्मू कश्मीर पर अपने सहयोगी पार्टी जेडीयू से झटका लगा है. हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नान्डिस की परंपरा को आगे ले जा रहे रहे हैं. इसलिए हमारी पार्टी राज्यसभा में पेश किए गए बिल का समर्थन नहीं कर रही है. हमारी सोच अलग है. हम चाहते हैं कि आर्टिकल 370 ना हटाया जाए.
बीजेपी नेता राम माधव ने कहा- सरकार ने सात दशक पुरानी मांग को पूरा कर दिया है. भारतीय संघ में जम्मू-कश्मीर के एकीकरण का जो सपना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा था और जिसके लिए हजारों लोगों ने शहादत दी, वो हमारे आंखों के सामने सच हो रहा है. हमारे जीवन में. कभी कल्पना की थी?
इस बीच खबर है कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के 8000 जवान भेजे जा रहे हैं. जम्मू कश्मीर में पहले से ही भारी संख्या में सुरक्षाबलों की मौजूदगी है. जम्मू कश्मीर के लगभग सभी हिस्सों में धारा 144 लागू है. इसके साथ ही कुछ हिस्सों में कर्फ्यू भी लगाया गया है.
धारा 370 पर सरकार के प्रस्ताव के बाद पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. दोनों के ओर से संविधान फाड़ने की कोशिश करने के बाद चेयरमैन ने दोनों सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा. एमएम फैयाज ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया.
आरएसएस प्रमुख सर संघचालक मोहन भागवत ने धारा 370 पर मोदी सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करता हुए कहा कि संघ सरकार के इस कदम का स्वागत करता हूं.
गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में नेता विपक्ष गुलामनबी आज़ाद को दी चुनौती, संविधान की जिस धारा के तहत चाहें बहस कर लें. लेकिन अनुच्छेद 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं. 370 अस्थाई है और इसने हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनने से रोका.
मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है. महबूबा मुफ्ती ने इसे भारतयी लोकतंत्र का काला दिन करार दिया है.
राज्यसभा में मायावती की पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने जम्मू कश्मीर पर सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी इसका पूरी तरह से समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए.
राज्यसभा में मायावती की पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने जम्मू कश्मीर पर सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी इसका पूरी तरह से समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए.
नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया. सरकार के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं बल्कि केंद्र शाषित प्रदेश बन गया है. वहीं लद्दाख को भी अलग केंद्र शाषित प्रदेश बनाया गया है लेकिन वहां विधानसभा नहीं होगी. अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश कर दिया है, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.
बिल पेश करते हुए शाह ने कहा, ''जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस गैजेट नोटिफिकेशन को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा और कोई भी खंड लागू नहीं होंगे. हम जो चारों संकल्प और बिल लेकर आए हैं, वह कश्मीर मुद्दे पर ही है. संकल्प प्रस्तुत करता हूं. अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंड राष्ट्रपति के अनुमोदन के अलावा खत्म होंगे.'' शाह ने कहा कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. यानी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश कर दी है.
जम्मू कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. यानी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश कर दी है. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन का भी फैसला किया गया है.
अमित शाह के बयान से पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा- कश्मीर में तीन तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं, वहां युद्ध जैसे हालात हैं पहले उस पर चर्चा होनी चाहिए. इस पर गृहमंत्री ने कहा- हर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार हूं.
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह के बयान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद भवन पहुंच गए हैं. 11 बजे अमित शाह राज्यसभा में बयान देंगे.
ताजा जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह संसद भवन स्थित अपने कार्यालय में गृह सचिव राजीब गाबा और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. शाह के कमरे में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद हैं. इसके साथ ही खबर है कि आज मीडिया को संसद स्थित अमित शाह के कमरे की ओर नहीं जाने दिया जा रहा है. केवल सांसद और मंत्रियों को ही इजाजत दी जा रही है. संसद के कर्मचारियों को भी मना किया जा रहा है. माना जा रहा है कि राज्यसभा में गृहमंत्री के स्टेटमेंट तक ये व्यवस्था लागू की गई है.
ताजा जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह संसद भवन स्थित अपने कार्यालय में गृह सचिव राजीब गाबा और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. शाह के कमरे में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद हैं. इसके साथ ही खबर है कि आज मीडिया को संसद स्थित अमित शाह के कमरे की ओर नहीं जाने दिया जा रहा है. केवल सांसद और मंत्रियों को ही इजाजत दी जा रही है. संसद के कर्मचारियों को भी मना किया जा रहा है. माना जा रहा है कि राज्यसभा में गृहमंत्री के स्टेटमेंट तक ये व्यवस्था लागू की गई है.
पीएम आवास पर चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. बैठक के बाद जम्मू कश्मीर पर बड़ा फैसला संभव है. गृहमंत्री अमित शाह संसद के दोनों सदनों में बयान देंगे, पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में गृहमंत्री का बयान होगा.
आजाद ने कहा- बीजेपी जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को खत्म कर रही है. अभी तक सरकार अलगवावादियों को नजरबंद करती थी हमें उससे कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन अब मुख्यधारा के नेताओं को उनके घरों में कैद किया जा रहा है. एनसी और पीडीपी के तीन पूर्व मुख्यमंत्री, हमारे पूर्व मंत्री, सीपीआईएम के नेता को नजरबंद किया है. अगर हिंदुस्तान की लड़ाई लड़ रहे नेताओं को पकड़ कर रखा जाएगा तो बीजेपी ये कैसी राजनीति करना चाहती है. ये लोकतंत्र की हत्या है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- जम्मू कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने के लिए 1947 से लेकर अभी तक जितनी कुर्बानियां अलग पार्टी के नेताओं ने दीं हैं या हमारे हजारों सुरक्षाबलों ने कुर्बानियां दी हैं या लाखों आम नागरिकों ने जो कुर्बानियां दी हैं. उन कुर्बानियों को बीजेपी सत्ता के नशे में फिर वहीं 1974 में ले जाना चाहती है. जम्मू कश्मीर में सबकुछ बहुमत शांत चल रहा था. चुनाव हो रहे थे, पर्यटक जा रहे थे, स्कूल कॉलेज चल रहे थे, बॉर्डर पर शांति थी. लेकिन 2016 में नोटबंदी के लिए पीएम मोदी को सपना आया था, उसी तरह आज पीएम मोदी और गृहमंत्री को सपना आया है कि कश्मीर में कुछ करना चाहिए. नोटबंदी से पूरा देश पीछे चला गया इसी तरह आज वो जम्मू कश्मीर को सत्तर साल पीछे ले जाना चाहते हैं. जम्मू को भारत से जोड़ने में बीजेपी ने कोई कुर्बानी नहीं दी ना ही उन्हें इतिहास की जानकारी है. हम बीजेपी के इस कदम की निंदा करते हैं.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- सत्ता के नशे में बीजेपी जम्मू कश्मीर को 70 साल पीछे ले जाना चाहती है. नोटबंदी की तरह जम्मू कश्मीर को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सपना आया है.
BREAKING: जम्मू कश्मीर पर जारी हलचल के बीच शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की खबर, सेंसेक्स 525 अंक नीचे आया.
जम्मू कश्मीर को लेकर जारी हलचल के बीच बड़ी खबर सामने आई है. पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक से पहले सीसीएस कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक होगी. इसके साथ ही संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही जोरदार हंगामे के आसार नजर आने लगे हैं. कांग्रेस ने लोकसभा में जम्मू कश्मीर मामले को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया है, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मांग कि है कि इस मुद्दे पर खुद प्रधानमंत्री मोदी सदन में बयान दें.
कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए गृहमंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंच गए हैं. पीएम मोदी के आवास पर पहले ही से ही राष्ट्री सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद हैं. कैबिनेट मीटिंग से पहले अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह सचिव राजीब गाबा समेत गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक सुबह 9.30 बजे होगी, इससे पहले गृहमंत्री समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों के पीएम आवास पहुंचने के पीछे किसी बड़े फैसले को लेकर होने वाली मंत्रणा बताई जा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर पर कोई फैसला लेने से पहले सरकार ने कानून मंत्रालय की राय ली है.
कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए गृहमंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंच गए हैं. पीएम मोदी के आवास पर पहले ही से ही राष्ट्री सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद हैं. कैबिनेट मीटिंग से पहले अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह सचिव राजीब गाबा समेत गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक सुबह 9.30 बजे होगी, इससे पहले गृहमंत्री समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों के पीएम आवास पहुंचने के पीछे किसी बड़े फैसले को लेकर होने वाली मंत्रणा बताई जा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर पर कोई फैसला लेने से पहले सरकार ने कानून मंत्रालय की राय ली है.
जम्मू कश्मीर की हलचल को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आई है. खबर के मुताबिक फैसले को लेकर सरकार संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में जवाब देगी. इसके साथ ही खबर जम्मू कश्मीर से भी आई है, आठ बजे राज्यपाल को राज्य के हालात पर रिपोर्ट भेजी जाएगी. डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी राज्यपाल को ब्रीफ करेंगे. राज्यपाल ने हर घंटे रिपोर्ट देने को कहा है.
कश्मीर के बाद जम्मू में भी धारा 144 लगाई गई, इसके साथ ही जगह जगह पर बैरिकेटिंग की गई है. सड़कों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों को देखा जा रहा है, जम्मू शहर में भी अच्छी खासी तादात में सुरक्षा बलों को देखा जा रहा है. शहर से जुड़ने वाले हाईवे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. कश्मीर के बाद अफवाह रोकने के मकसद से जम्मू में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा को बंद कर दिया है. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेजों को भी बंद किया गया है. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू शहर के संवेदनशील इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात हैं.
कश्मीर में हालात पर राज्यपाल ने देर रात की डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक की. राज्यपाल ने चीफ सेक्रेट्री से जम्मू कश्मीर के हर घंटे हालात पर रिपोर्ट मांगी है.
जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, " सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है." अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुणा बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. वहीं कश्मीर के बाद जम्मू में भी मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है.
पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''बीजेपी नेता होने के बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी कश्मीरियों के साथ सहानुभूति रखे. आज उनकी कमी को हम सबसे ज्यादा महसूस कर रहे हैं.'' महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को घाटी में नजरबंद कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अनिश्चितता और भय स्थिति को और खराब करने का काम करता है. सरकार को पारदर्शी ढंग से काम करना चाहिए, लोगों और विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए.
कश्मीर में नेताओं को नजरबंद किए जाने को लेकर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर में स्थिति वास्तव में चिंताजनक है. सरकार को अपने इरादे स्पष्ट करने चाहिए.
कश्मीर में सभी बड़े अफसरों और पुलिस थानों को सैटेलाइट फोन दे दिए गए हैं. इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. ज़रूरत पड़ने पर लैंडलाइन फोन तक बंद करने की तैयारी है.
शशि थरूर ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जम्मू-कश्मीर में क्या चल रहा है? कोई भी गलत काम नहीं करने के बावजूद नेताओं को रातोंरात क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. आपको बता दें कि कश्मीर को लेकर कई दिनों से हलचल है. इस बीच आधी रात को महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है. जम्मू और घाटी में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये गए हैं.
उमर अब्दुल्ला के नजरबंद वाले ट्वीट पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आप अकेले नहीं है. थरूर ने ट्वीट किया, ''आप अकेले नहीं हैं उमर अब्दुल्ला. हर लोकतांत्रिक भारतीय कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं के साथ खड़ा है. आप उसका सामना करेंगे जो भी देश के लिए सरकार के मन में है. संसद का सत्र अब भी चल रहा है और हमारी आवाज भी शांत नहीं होगी.''
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं. कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है. अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है. यह रात लंबी होने वाली है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतने मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि जो भी हो हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. जिस पर हमारा अधिकार है उसके लिए लड़ने के हमारे संकल्प को कोई भी चीज नहीं डिगा सकती.’’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा, हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए. हर किसी को शुभकमानाएं, सुरक्षित रहे और सबसे जरुरी कृपया शांति बनाए रखें.’’
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है. इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा.’’
कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है जिसके बीच ये गिरफ्तारियां हुई हैं. बहरहाल, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है क्योंकि आतंकवादी धमकी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ शत्रुता बढ़ने के बीच तड़के कश्मीर में कर्फ्यू लगाया जाएगा.
पार्श्वभूमी
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस बीच नेशनल कांफ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
इसके साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये ऐहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं. श्रीनगर में धारा 144 लागू किया गया है.
जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक, पांच अगस्त की आधी रात से श्रीनगर जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है. यह अगले आदेश तक लागू रहेगा. कोई भी सभाएं नहीं होंगी और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे.
जम्मू में भी स्कूल कॉलेज बंद
जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है. जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, " सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है."
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुणा बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.