LIVE: दिल्ली-NCR में यातायात लगभग ठप, यूनियन बोली- सरकार नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे

वाहनों की हड़ताल का सबसे ज़्यादा बुरा असर आम लोगों पर पड़ा है. सुबह दफ्तर निकलने वाले लोगों को असुविधा हो रही है. दिल्ली की सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले आज कम ट्रैफिक देखने को मिल रहा है.

एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 19 Sep 2019 01:51 PM
बंद का गुरुग्राम में मिला जुला असर दिख रहा है. कई प्राइवेट बस चल रही हैं तो वहीं थ्री विह्लर भी सड़कों पर दौड़ते नजर आए. लेकिन भारी वाहनों के पहिए बिलकुल थमें नजर आ रहे हैं. गुरुग्राम के ट्रांमसपोर्ट नगर में माल वाहक ट्रक संचालक हड़ताल में शामिल नजर आए. संचालकों का आरोप है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है, ऐसे में जल्द ही सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगें.
लोगों का कहना है कि कई राज्य सरकारों ने नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध किया है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार को भी चाहिए कि वह केंद्र के इस एक्ट का विरोध करे और इसे दिल्ली में लागू ना करें. इसलिए यह लोग केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों का ही विरोध जता रहे हैं.
लोग इस हड़ताल से परेशान हैं. उन्हें ऑटो नहीं मिल रहे हैं और न ही दूसरे व्हीकल. यदि कोई ऑटो चालक या कैब ड्राइवर अपनी कैब को लेकर चलता है तो उसके साथ जोर जबरदस्ती कर उसे रोक दिया जाता है. जगह-जगह पर ऑटो चलाने वाले लोग और यूनियनों से जुड़े दूसरे लोग सड़कों पर हैं और दूसरी गाड़ियों को भी रोक रहे हैं.
निज़ाममुद्दीन रेलवे स्टेशन पर टैक्सी ड्राइवर नारे बाज़ी कर रहे हैं. बकारीब 250- 300 टैक्सी लाइन लगाकर खड़ी हैं. ड्राइवरों में एमसीडी टोल टैक्स टैग RFID को लेकर नाराज़गी है और बढ़े हुए चालान को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
जो ऑटो इस वक़्त चल रही है, उनके चालकों का कहना है कि अगर सड़कों पर हड़ताल को लेकर माहौल खराब हुआ तो वो भी घर वापस चले जाएंगे.
संवाददाता वरुण जैन ने बताया है कि दिल्ली के शक्ति नगर इलाके के एक स्कूल नव भारती पब्लिक स्कूल में अभिभावक जब बच्चों को छोड़ने पहुंचे तो पैरेंट्स को स्कूल में छुट्टी होने का पता चला. अभिभावक स्कूल मैनेजमेंट से नाराज़ नज़र आए कि इतनी मुश्किलों के बाद हम बच्चों को खुद छोड़ने आए और स्कूल आकर छुट्टी का पता चला.
स्कूल बस ड्राइवर्स का कहना है के यह स्ट्राइक सही है. इतना ज़्यादा चालान नहीं होना चाहिए. सीट बेल्ट हेलमेट जो सुरक्षा की चीजें हैं उन्हें लेकर अगर चालान है तो वह सही है. लेकिन वो भी इतना ज़्यादा नहीं होना चाहिए.

स्कूल ड्राइवर्स का कहना है कि उनको स्कूल ट्रांसपोर्ट की तरफ से बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बसों को सड़कों पर नहीं लेकर जाने के इंस्ट्रक्शंस मिले हैं. जिसके चलते ए एनएस स्कूल के ड्राइवर्स आज बसों से बच्चों को लेने नहीं पहुंचे.
एबीपी न्यूज़ की संवाददाता मदीहा खान ने बताया है कि ट्रांसपोर्ट हड़ताल का असर मदर डेयरी और सफल जैसे आउटलेट पर नहीं हुआ है. दोनों जगह सप्लाई कल रात ही पहुंच गई थी. हालांकि कमर्शियल वाहनों की हड़ताल की वजह से आज राजधानी दिल्ली की सड़कें खाली है. अमूमन सुबह के वक्त जितना ट्रैफिक सड़कों पर चलता है उसके मुकाबले अभी तक दिल्ली में ट्राफिक कम देखने को मिल रहा है.
हड़ताल के मद्देनजर कई स्कूलों ने आज छुट्टी की घोषणा की है तो वहीं कुछ स्कूलों ने अपने स्तर पर बच्चों को स्कूल बुलवाया है. दिल्ली की सड़कों पर जहां सुबह से ही गाड़िया दौड़ने लगती हैं, आज वो सड़कें खाली हैं. आम दिनों के मुकाबले सड़कों पर कम ट्रैफिक चल रहा है. इस हड़ताल में कई ऑटो, टैक्सी ड्राइवर्स भी शामिल हैं.

पार्श्वभूमी

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में आज बढ़े हुए चालान के खिलाफ  ट्रांसपोर्ट हड़ताल है. हड़ताल के समर्थन में दिल्ली-एनसीआर के कई ट्रांसपॉर्ट यूनियन शामिल हुए हैं. वाहनों की हड़ताल का सबसे ज़्यादा बुरा असर आम लोगों पर पड़ा है. सुबह दफ्तर निकलने वाले लोगों को असुविधा हो रही है. दिल्ली की सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले आज कम ट्रैफिक देखने को मिल रहा है. पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.'



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