लाल किले से पीएम मोदी का बड़ा एलान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की घोषणा की

स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंध इंतजाम किए गए हैं. राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. जम्मू कश्मीर में भी विशेष तौर पर सुरक्षाबलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है. इसके साथ ही एलओसी पर भी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 15 Aug 2019 01:51 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भाषण के बाद लाल किले पर आए छोटे छोटे बच्चों के बीच गए. बच्चों ने बेहद उत्साह के साथ पीएम का स्वागत किया.

प्रधानमंत्री ने कहा- मैं किसानो के लिए कुछ मांगना चाहता हूं, क्या हम 10, 20 या 25% उर्वरक को कम करेंगे. धरती मां को बचाने में आपका कितना बड़ा योगदान होगा. हमारे देश के प्रोफेशनल की दुनिया में चर्चा है, हमारे लिए खुशी की बात है हमारा चंद्रयान तेजी से चांद के उस छोर की ओर बढ़ रहा है जहां आजतक कोई नहीं गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे हौसले की उड़ान के आगे कुछ भी नहीं है.
प्रधानमंत्री ने कहा- यह साल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती का वर्ष है. दूसरा हमारी आजादी के 75 साल में देश के लिए मर मिटने वालों का स्मरण हमें कुछ करने की प्रेरणा देता है. मैं आज आपके सामने एक छोटी से अपेक्षा रखना चाहता हूं, क्या हम भारत को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति दिला सकते हैं. दो अक्टूबर को प्लास्टिक विदाई देने की दिशा में पहला मजबूत कदम उठा सकते हैं. मैं स्टार्टअप वालों को, उद्यमियों को और टेक्निशियन को आग्रह करता हूं कि प्लास्टिक के रीसाइकिल के लिए क्या कर सकते हैं. मैं सभी दुकानकारों से आग्रह करूंगा कि आप अपनी दुकान पर एक बोर्ड लगाइए कि कृपया हमसे प्लास्टिक के थैले की अपक्षा ना करें, आप अपने घर से प्लास्टिक का थैला लेकर आइए. इस बार दिवाली पर लोगों को गिफ्ट के रूप में प्लास्टिक के थैले गिफ्ट करें. जूट के थैले होंगे तो किसान की मदद होगी, छोटे छोटे काम गरीब विधवा मां की मदद करेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे देश में सैन्य सुधारों पर लंबे समय से चर्चा चल रही है. कई कमीशन बैठे कई रिपोर्ट आईं और सबसे एक बात कही गई है. हमारी तीनों सेनाओं में कोऑर्डिनेशन तो है, हम गर्व कर सकें ऐसी व्यवस्था है. लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है, युद्ध के दायरे और रूप बदल रहे हैं तपब भारत को टुकड़ों में सोचने से काम नहीं चलेगा. हमारी पूरी सैन्य शक्ति को एक साथ आगे बढ़ने की दिशा में काम करना होगा. कोई एक भी पीछे रहे तो काम नहीं चलेगा. इसलिए आज मैं लाल किले से महत्वपूर्ण घोषणा करना चाहता हूं, आज हमने निर्णय किया है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) इसकी व्यवस्था करेंगे. इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं के शीर्षस्थ स्तर पर एक प्रभावी नेतृत्व मिलेगा. यह पद सैन्य सुधार की दिशा में बल देने का काम करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा- शांति और सुरक्षा विकास के अनिवार्य पहलू हैं, विश्व शांति विश्व संवृद्धि के लिए भारत को अपनी भूमिका अदा करनी होगी. भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है. विश्व के किसी कोने में आतंकी घटना मानवतावाद के खिलाफ है, इसलिए विश्वभर की मानवता वादी शक्तियां विश्वभर की एक हों. आतंकवाद को पनाह और प्रोत्साहन देने वाले, आतंकवाद को एक्सपोर्ट करने वालों, ऐसी सारी ताकतों को दुनिया के सामने उनके सही स्वरूप में प्रस्तुत करने में, दुनिया की ताकत को जोड़कर के भारत आतंकवाद को नष्ट करने के प्रयास करे.
प्रधानमंत्री ने कहा- आजादी के सत्तर साल बाद 2 ट्रिलियन की अर्थव्यस्था पर पहुंचे थे लेकिन 2014 से 2019 के बीच हम लोग दो से तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गए. आने वाले पांच साल में हम पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी पर पहुंच सकते हैं. मैं मानता हूं अनेक क्षेत्र हैं जो पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लिए भारत को एक नई शक्ति दे सकते हैं. आज हमारे लिए गर्व का विषय है कि महंगाई को कंट्रोल करके विकास दर को आगे बढ़ा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा- हमने तय किया है कि 100 लाख करोड़ रुपया आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाए जाएंगे. इससे रोजगगार मिलेगा और जीवन में भी एक नई व्यवस्थाएं पूरी होंगी. पहले एक जमाना था कि अगर कागज पर सिर्फ एक निर्णय हो जाए कि एक रेलवे स्टेशन फलाने स्टेशन पर बनने वाला है तो महीनों तक सकारात्मक माहौल बना रहता था. आज वक्त बदल चुका है, आज सामान्य नागरिक रेलवे स्टेशन मिलने से खुश नहीं है, वो तुरंत पूछता है कि वंदे भारत एक्सप्रेस हमारे इलाके में कब आएगी. अगर बहुत बढ़िया रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन बना दें तो वो यह नहीं कहता है कि अच्छा किया लेकिन वो तुरंत कहता है कि साहब हवाई अड्डा कब आएगा. पहले किसी भी नागरिक से मिलने पर कहता था कि हमारे यहां पक्की सड़क कब आएगी लेकिन आज पूछता है कि फोर लेन वाला रोड बनेगा या छह लेन वाला रोड बनेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा- मैं अपने अफसरों के बीच अक्सर कहता हूं कि आजादी के इतने सालों के बाद रोजमर्रा की जिदंगी में सराकरों की दखल को सामान्य मानव के जीवन में कम और खत्म नहीं कर सकते. आजाद भारत से मेरा मतलब ये है कि धीरे धीरे सरकारें लोगों की जिंदगी से बाहर आएं. लोग अपनी जिंदजी जीने के लिए और आगे बढ़ने के लिए सारे रास्ते कुले होना चाहिए. ऐसा सिस्टम हमें बनाना पड़ेगा. सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए साथ साथ जहां मुसाबत का पल हो तो सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए. लेकिन हम सपनों को लेकर आगे बढ़ें और सरकार हमारे साथ हो. हमने गैरजरूरी कई कानूनों को खत्म किया, पिछली सरकार में हर दिन मैंने एक गैर जरूरी कानून खत्म किए थे. नई सरकार के 10 हफ्ते में 60 गैरजरूरी कानूनों को खत्म किया.
प्रधानमंत्री ने कहा- आपने देखा होगा, इस बार आते ही सरकार में बैठे अच्छे अच्छे लोगों की छुट्टी कर दी गई. हमारे अभियान में जो रुकावट बनते थे उनसे कहा गया कि आप अपना कारोबार कर लीजिए, अब देश को आपकी सेवाओं की जरूरत नहीं है. मैं मानता हूं कि व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए लेकिन साथ साथ समाज जीवन में भी बदलाव होना चाहिए. समाज जीवन में बदलाव के साथ ही व्यवस्थाओं को चलाने वालों के दिल दिमाग में बदलाव बहुत अनिवार्य होता है, तभी हम इच्छित परिणामों को प्राप्त कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे यहां बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये विस्फोट हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है. लेकिन यह मानना होगा कि हमारे देश में एक जागरुक वर्ग है जो इस बात को भली भांति समझता है. वह अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि मैं उसके साथ कई अन्याय तो नहीं कर दूंगा. मैं उसकी मानवीय जरूरतों को पूरा कर पाऊंगा? उसके सपनों को पूरा कर पाऊंगा? इस विचार करके एक बहुत छोटा वर्ग परिवार को सीमित करते अपने परिवार और देश का भला करने में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं. छोटा परिवार रखकर ऐसे लोग देशभक्ति को प्रकट करते हैं. हम सभी समाज के लोग ऐसे लोगों को बारीकी से देखें, ऐसे लोगों ने अपने परिवार में जनसंख्या वृद्धि से खुद को बचा कर परिवार की सेवा की. हम भी उनसे सीखें और हमारे घर में किसी भी शिशु को आने से पहले हम सोचें कि उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खुद को तैयार कर लिया है. या मैं उसको उसके नसीब पर छोड़ दूंगा. इसलिए एक सामाजिक जागरुकता की जरूरत है, जन संख्या विस्फोट की हमें चिंता करनी होगी. राज्य और केंद्र सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर इस दिशा में नई योजनाओं के साथ आगे आना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा- देश को नई ऊंचाइयों को पार करना है, विश्व में अपना स्थान बनाना है और हमें अपने घर में ही गरीबी से मुक्ति पर बल देना है और ये किसी पर उपकार नहीं है. भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमें गरीबी से मुक्त होना ही है और पिछले 5 वर्षों में गरीबी कम करने की दिशा में, गरीबीं को गरीबी से बाहर लाने की दिशा में बहुत सफल प्रयास हुए हैं. आजादी के 70 साल में बहुत सारे काम सब सरकारों ने अपने अपने तरीके से किए हैं. लेकिन ये भी सच्चाई है कि आज देश में आधे घर ऐसे हैं जिनमें पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. इसलिए हमारी सरकार ने हर घर को जल कैसे मिले, इसके लिए मैं लाल किले घोषित करता हूं आने वाले दिनों में हम जल जीवन मिशन को आगे लेकर चलेंगे. इसके लिए आने वाले वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ से ज्यादा की रकम इस मिशन के लिए खर्च करने का संकल्प किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा- जीएसटी के जरिए हमने एक देश एक टैक्स के सपने को साकार किया. इसी तरह ऊर्जा के क्षेत्र में एक राष्ट्र-एक ग्रिड इस काम को सफलता पूर्व पार किया. इसी तरह एक राष्ट्र एक मोबिलिटी कार्ड व्यवस्था को लागू किया. इसी तरह देश में आज चर्चा चल रही है एक राष्ट्र एक चुनाव. लोकतांत्रिक तरीके से इस पर चर्चा होनी चाहिए. कभी ना कभी एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को पूरा करने के लिए और भी ऐसी नई चीजों को हमें जोड़ना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा- जो लोग 370 के पक्ष में वकालत करते हैं उनसे देश पूछ रहा है कि ये अगर ये अनुच्छेद इतना महत्वपूर्ण था तो 70 साल तक प्रचंड बहुमत होने के बाद भी उसे स्थायी क्यों नहीं किया, अस्थाई क्यों बनाए रखा. अगर इतना ही भरोसा है तो आगे आकर इसे स्थाई कर देते. इसका मतलब है कि आपको भी पता है कि जो हुआ है वो सही नहीं हुआ है लेकिन सुधार करने की आपमें हिम्मत और इरादा नहीं था. मेरे लिए देश का भविष्य ही सबकुछ है राजनीतिक भविष्य कुछ नहीं है. सरदार पटेल जैसे महापुरुषों ने कठिन समय में भी फैसले लिए, लेकिन अनुच्छेद 370 के कारण कुछ रुकावटें भी आईं. आज जब लाल किले से मैं देश को संबोधित कर रहा हूं तो मैं गर्व के साथ कहता हूं कि आज हर हिंदुस्तानी गर्व के साथ कह सकता है- एक देश, एक संविधान.
प्रधानमंत्री ने कहा- जम्मू कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों की आशा, आकांक्षा पूरी हो यह हामारा दायित्व है. उनके सपनों को नए पंख मिले, ये हमारी जिम्मेदारी है. 130 करोड़ देशवासियों को इस जिम्मेदारी को उठाना है. पिछले 70 साल में इन व्यवस्थाओं ने अलगाववाद को बल दिया है, आतंकवाद को जन्म दिया, परिवारवाद को पोसा है और एक प्रकार से भ्रष्टाचार और भेदभाव की नींव को मजबूती देने के काम किया. इसलिए वहां की महिलाओं को अधिकार मिले, दलितों को अधिकार मिले. देश के जनजातीय समूह को मिलने वाले अधिकार वहां के लोगों को भी मिलने चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा- अनुच्छेद 370 और 35 ए, इस सरकार की पहचान है कि हम ना तो समस्याओं को टालते हैं ना ही पालते हैं. जो काम पिछले सत्तर साल में नहीं हुआ, नई सरकार बनने के 70 दिन के भीतर यह काम किया गया. संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पास किया गया है. इसका मतलब है कि सबके दिल में कहीं ना कहीं ये बात पड़ी थी लेकिन आगे कौन आए, इसी का इंतजार था. देशवासियों ने मुझे यह कामन दिया, आपने जो काम दिया है उसी को करने के लिए आया हूं, मेरा अपना कुछ नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जब समाधान हो, संकल्प हो, सामर्थ हो तो सफलता के आड़े कुछ नहीं आ सकता है. आज देश उस स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने के लिए दृढ़निश्चयी है. जब समस्याओं का सामधान टुकड़ों में नई देखना चाहिए, हमें समस्याओं को जड़ों से खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए. हमारी मुस्लिम बहनों के सिर पर तीन तलाक की तलवार लटकती थी. वे कभी तीन तलाक की शिकार ना हुई लेकिन कभी भी इसकी शिकार हो सकती है, इसका डर उन्हें जीने नहीं देता था. दुनिया के कई इस्लामिक देशों ने हमसे पहले इसे खत्म कर दिया. लेकिन किसी ना किसी कारण से मुस्लिम महिलाओं को हक देने में हम हिचकिचाते थे. जब हम सती प्रथा, भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा के खिलाफ कानून बना सकते हैं तो क्यों ना हम तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाएं. इसलिए लोकतंत्र की भावना को समझते हुए मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए हमने इस महत्वपूर्ण निर्णय को किया. ऐसे फैसले राजनीतिक की तराजू से तौलने के निर्णय नहीं होते हैं, ये सदियों तक महिलाओं के जीवन की गारंटी देते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- चुनाव में मैंने देखा, ना कोई राजनेता चुनाव लड़ रहा था और ना कोई पार्टी चुनाव लड़ रही थी. ना मोदी चुनाव लड़ रहा था ना मोदी के चुनाव लड़ रहे थे, देश की जनता जनार्दन चुनाव लड़ रही थी. 130 करोड़ देशवासी अपने भविष्य के लिए चुनाव लड़ रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- 2019 का कालखंड देशवासियों के सपनों को पूरा करने का कालखंड है. आने वाले पांच साल के कार्यकाल का खाका तैयार करके कदम उठा रहे हैं. 2014 में नया था, चुनाव से पहले देश भ्रमण करके मैं देश को समझने का काम कर रहे थे. लोगों में निराशा का माहौल था, लोग पूछ रहे थे कि क्या सरकार बदलने से देश बदल जाएगा. लेकिन 2019 में मैं हैरान था, निराशा आशा में बदल चुकी थी. सामान्य मानवी का एक ही स्वर था कि मेरा देश बदल सकता है. 130 करोड़ नागरिकों के चेहरे के यह भाव हमें नई ताकत और नया विश्वास देते हैं.
पीएम मोदी ने कहा- किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में ट्रांसफर करने का काम किया है. जल संकट की चर्चा होती है, भविष्य जल संकट से गुजरेगा इसकी भील चर्चा होती है. केंद्र और राज्य इस दिशा में साथ मिलकर काम करें इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है. देश में बहुत बड़ी तादात में डॉक्टरों की जरूरत है, इसके लिए नए कानून की जरूरत है. इसके लिए कई महत्वपूर्ण कानून हमने बनाए हैं.
पीएम मोदी ने कहा- नई सरकार बनने के बाद लाल किले से आज एक बार फिर आप सबता गौरव करने का मौका मिला है. नई सरकार को अभी 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं. लेकिन इस छोटे से समय में भी सभी दिशाओं में हर प्रकार के प्रयासों को बल दिया गया है. 10 हफ्ते के भीतर अनुच्छेद 370 का हटना और 35 ए का हटना सरदार वल्लभभाई पटेल के सपने को पूरा करने की दिशा में अहम कदम है. 10 हफ्ते में मुस्लिम माताओं बहनों को उनका अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना, आतंक से जुड़े कानूनोंमें बदलाव करके उसको नई ताकत देकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के संकल्प को और मजबूत किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश शुरू, पीएम ने कहा- देश को अनेक अनेक शुभकामनाएं, आज रक्षा बंधन का भी पर्व है. सदियों से चली आई ये परंपरा भाई बहन के प्यार को अभिव्यक्त करती है. मैं सभी देशवासियों और भाई बहन को अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं. स्नेह से भरा ये पर्व आशा, आकाक्षाओं को पूर्ण करने वाला और स्नेह की सरिता को बढ़ाने वाला हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठी बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी के बाद ऐसा करने वाले पीएम मोदी दूसरे बीजेपी नेता है. थोड़ी देर में पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला लाल किले के परिसर में पहुंचा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के जवानों ने पीएम मोदी का स्वागत किया. पीएम मोदी ने सम्मान गार्ड का निरीक्षण करने के बाद पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला लाल किले के परिसर में पहुंचा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के जवानों ने पीएम मोदी का स्वागत किया. पीएम मोदी ने सम्मान गार्ड का निरीक्षण करने के बाद पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजघाट पहुंच गए हैं, पीएम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. थोड़ी देर में पीएम लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे. पीएम ने बीते सालों की तरह ही सिर पर विशेष तरह का साफा बांध रखा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर तिरंगा फहराया, रक्षा मंत्री ने ट्विटर पर लिखा- सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें. इस शुभ अवसर पर सशस्त्र सेनाओं में सेवारत सभी सैनिकों को भी मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. भारत आज पूरी तरह सुरक्षित है, इसका बड़ा श्रेय हमारे सैनिकों को जाता है.

पीएम मोदी के आज होने वाले भाषण के समय को लेकर भी चर्चा है कि पीएम का भाषण कितने मिनट का होगा. बीते सालों की बात करें तो प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में 65 मिनट, 2015 में 86 मिनट, 2016 में 96 मिनट और 2017 में 56 मिनट और 2018 में 82 मिनट का भाषण दिया था.
इस बार लाल किले की प्राचीर पर पीएम मोदी के साथ नारी शक्ति भी दिखेगी. एयरफोर्स की 3 महिला अधिकारियों को पीएम मोदी की मदद और सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. फ्लाइंग ऑफिसर प्रीतम सांगवान तिरंगा फहराने में पीएम की मदद करेंगी जबकि फ्लाइट लेफ्टिनेंट ज्योति यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट मानसी गेडा मंच पर पीएम के दोनों ओर खड़ी होंगी.
लाल किले पर झंडा फहराने से पहले सुबह 6 बजकर 11 बजे पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा- सभी देशवासियों को स्वतंत्रतादिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सबसे पहले सुबह सात बजे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद 7 बजकर 15 मिनट के आज पास पीएम मोदी लाल किले पर पहुंचेंगे. यहां प्रधानमंत्री मोदी को तीनों सेनाओं के जवान सलामी देंगे. सुबह ठीक 7 बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराएंगे. इसके बाद पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन होगा. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीएम मोदी का लाल किले पर यह पहला भाषण है, इसलिए माना जा रहा है कि पीएम के भाषण में विशेष तौर पर जम्मू कश्मीर का जिक्र हो सकता है.

पार्श्वभूमी

नई दिल्ली: पूरा देश आज आजादी की 73वीं सालगिरह मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लगातार छठी बार लाल किले पर पर झंडा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे. प्रचंड जनादेश के बाद सत्ता में वापसी के बाद उनका लाल किले से यह पहला भाषण होगा. उम्मीद की जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पर किए गए ऐतिहासिक निर्णय से लेकर अर्थव्यवस्था की स्थिति तक वह विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे.


 


स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंध इंतजाम किए गए हैं. राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. जम्मू कश्मीर में भी विशेष तौर पर सुरक्षाबलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है. इसके साथ ही एलओसी पर भी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है.


 


प्रधानमंत्री मोदी मोदी आज को लाल किले की प्राचीर से भाषण के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर लेंगे. वाजपेयी बीजेपी के पहले नेता थे जिन्होंने 1998 से 2003 बीच लगातार छह बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया. प्रधानमंत्री के आज के भाषण पर विशेष नजर रहेगी. प्रधानमंत्री मोदी आज के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर समेत देश की प्रगति और विकास से जुड़े मुद्दों पर बोल सकते हैं. पीएम अपने भाषण पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश दे सकते हैं.

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