संसद सत्र LIVE: गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश किया

Parliament Live: गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश किया. शाह ने राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का भी प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया.

एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 01 Jul 2019 03:28 PM
टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हम राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के फैसले का समर्थन करते हैं लेकिन इसके साथ ही कश्मीर को लेकर बीजेपी की जो नीति रही है उस पर भी सवाल खड़े किए. जेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने भी राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का समर्थन किया.
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि बीजेपी ने गलती की महबूबा को सीएम बना कर आप ने ऐसे महिला को मुख्यमंत्री बनाया जो अलगाववादियों का समर्थन लेती है ऐसा नहीं होना चाहिए था. लेकिन अंत में रामगोपाल यादव ने 6 महीने राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के फैसले का समर्थन किया.
राज्यसभा में इसको लेकर चर्चा शुरू हुई. 5 घंटे का वक्त तय किया गया. इन 5 घंटों के दौरान सभी दल अपना-अपना मत सदन के सामने रखेंगे. कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए विप्लव ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश की जनता के साथ अन्याय हो रहा है प्रदेश की जनता को अपनी नई सरकार चुनने का अधिकार है. अगर लोकसभा चुनाव हो सकते हैं तो फिर विधानसभा चुनाव में क्या दिक्कत है? बीजेपी की तरफ से बोलते हुए राकेश सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी तक वहां के लोगों को ही हक नहीं मिल पा रहा. जम्मू का क्षेत्रफल कश्मीर से कहीं ज्यादा है लेकिन फिर भी प्रतिनिधित्व कम है.
राज्यसभा के लिए पिछले सप्ताह बिहार से निर्विरोध निर्वाचित हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली. बीजद के समर्थन से उच्च सदन के लिए ओडिशा से चुने गए भाजपा के अश्विनी वैष्णव ने भी राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली. सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने पासवान को शपथ के लिए आमंत्रित किया. अपने लंबे राजनीतिक करियर में दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए पासवान ने हिंदी में शपथ ली.
शिरोमणि अकाली दल के एक सदस्य ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि आए दिन होने वाली गोलीबारी की घटनाएं पुलिस की विफलता का नतीजा हैं और इन पर रोक लगाने के लिए पुलिस सुधारों पर जोर दिया जाना चाहिए. उच्च सदन में शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने कहा ‘‘देश में एक तरह से बंदूक की संस्कृति हावी हो गई है. आए दिन गोलीबारी की घटनाएं होने की खबरें आती हैं. हमारा देश महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध का देश है जहां हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. लेकिन यहां इन दिनों हो रहा बंदूक का अंधाधुंध उपयोग चिंताजनक है.’’
गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश किया. साथ ही जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन छह महीने बढ़ाने संबंधित प्रस्ताव भी राज्यसभा में उन्होंने रखे.
तमिलनाडु में तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और इसके उत्पादन के लिए ‘हाइड्रोकार्बन कुएं’ खोदे जाने का विरोध करते हुए राज्यसभा में सोमवार को डीएमके के एक सदस्य ने कहा कि इससे राज्य में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि सामान्य कुआं 100 से 200 मीटर की गहराई तक खोदा जाता है और पानी निकल आता है. ‘‘लेकिन हाइड्रोकार्बन कुएं 2000 मीटर की गहराई तक खोदे जाते हैं. इसकी वजह से जो खाली जगह बनती है वहां समुद्र का पानी आ जाता है और मिट्टी की उर्वरता प्रभावित होती है. ऐसी मिट्टी में लवणता बढ़ जाती है.’’
राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य जयराम रमेश ने हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने का मुद्दा उठाते हुए सरकार से इस संबंध में एक व्यापक अध्ययन कराने और हिमालयी ग्लेशियर राष्ट्रीय संस्थान को मजबूत बनाने की मांग की.
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोन रिकवरी पर बैंक की कार्रवाई में बल के इस्तेमाल पर आज लोकसभा में सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बाउंसर्स द्वारा लोन रिकवर किया जाना ठीक है क्या? जिसपर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर कहीं भी ऐसा किया जा रहा है तो यह गलत है.
आईयूएमएल के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने झारखंड में भीड़ की हिंसा की घटना को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.
डीएमके के सांसद टीआर बालू ने कावेरी बेसिन में कार्बन प्रोजेक्ट को तत्काल रोकने के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.


लघु निवेश योजना (शॉर्ट टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट) में ब्याज दर में कमी पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. मोदी सरकार ने लघु निवेश योजना में ब्याज दर में कमी करने का फैसला किया है.

पार्श्वभूमी

संसद के बजट सत्र का आज 11वां कार्यदिवस है. संसद में आज सरकार दो प्रमुख बिलों को पारित करवाने का प्रयास करेगी. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने बढ़ाने के प्रस्ताव पर जहां मुहर लगने की संभावना है. वहीं जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे गांवों में रहने वाले लोगों को 3 फीसदी आरक्षण देने वाले बिल भी पारित किये जाने की संभावना


 


जम्मू-कश्मीर में आरक्षण संबंधित बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी सरकार और विपक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिलेगी. गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार का रुख साफ करेंगे.


 


वहीं लोकसभा में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण से जुड़े बिल पर चर्चा होनी है. बिल में विश्वविद्यालयों की शिक्षकों की नियुक्ति में एससी और एसटी के उम्मीदवारों को आरक्षण देने के लिए एक डिपार्टमेंट की जगह पूरे कॉलेज या विश्वविद्यालय को एक यूनिट मानकर आरक्षण लागू किये जाने का प्रावधान है. इस विषय पर चुनाव के पहले मोदी सरकार अध्यादेश लेकर आई थी चूंकि दलित संगठनों ने विभाग को मानक बनाये जाने का काफी विरोध किया था.

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