अनुच्छेद 370 वाली याचिकाओं पर SC में हुई सुनवाई, केंद्र ने कहा- जम्मू कश्मीर से पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जा रही हैं
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कश्मीर में लैंडलाइन, मोबाइल, इंटरनेट बहाल करने पत्रकारों को आने-जाने पर रोक टोक न करने की मांग वाली कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर कोई सुप्रीम कोर्ट ने आदेश नहीं दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार को हालात सामान्य बनाने का मौका मिलना चाहिए.
एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 16 Aug 2019 11:18 AM
पार्श्वभूमी
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले संविधान संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. वकील एम एल शर्मा की तरफ...More
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले संविधान संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. वकील एम एल शर्मा की तरफ से दायर याचिका में अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के लिए किए गए संविधान संशोधन को गलत बताया गया है. साथ ही विधानसभा के प्रस्ताव के बिना राज्य को 2 हिस्सों में बांटने को अवैध कहा गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबड़े और एस अब्दुल नज़ीर की बेंच ने अखबार कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुनवाई की. याचिका में धारा 144 लगाने, मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद करने जैसी बातों से लोगों को हो रही दिक्कत का हवाला दिया है. ये भी कहा है कि इससे पत्रकारों का भी काम करना मुश्किल हो गया है. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देनेवाले अनुच्छेद 370 के खंड एक को छोड़कर सभी खंडों को खत्म कर दिया गया है. इसके साथ ही, उसे दो भाग में बांटकर दोनों हिस्से को केन्द्र शासित प्रदेश बनया गया है. जिसके बाद राज्य को मिलनेवाले विशेषाधिकार खत्म हो गए हैं. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया है. फैसलों के विरोध में प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए घाटी में कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. स्थानीय नेताओं को हिरासत में रखा गया है. फोन सेवा पूरी तरह ठप्प है. जम्मू-कश्मीर में आज खुलेंगे सरकारी दफ्तर, फोन सेवा बहाल करने और प्रतिबंधों में ढील पर जल्द होगा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की याचिका सुनवाई करते जम्मू-कश्मीर में दखल देने से इंकार कर दिया था और सरकार को हालात सामान्य होने के लिए वक्त दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रातों रात हालात सामान्य नहीं हो सकते.
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केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगाई पाबंदियां हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जम्मू कश्मीर में दिन प्रतिदिन स्थिति में सुधार हो रहा है, पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जा रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से अनुच्छेद 370 पर दाखिल उनकी 6 याचिकाओं में खामियों को दूर करने के लिए कहते हुए सुनवाई स्थगित की.