संसद सत्र: तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस ने बिल के ड्राफ्ट का विरोध किया
Parliament session Live Updates: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया. इस दौरान ड्राफ्ट पर कांग्रेस ने सवाल उठाए और इस बिल का विरोध किया.
एबीपी माझा वेब टीम
Last Updated:
21 Jun 2019 02:29 PM
लोकसभा में बिल को पेश करने के पक्ष में 186 वोट जबकि विरोध में 74 वोट मिले. सीट निर्धारण न हो पाने के कारण कागज़ स्लीप पर हुआ मतदान. इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया गया. इसलिए मतगणना में समय लगा.
लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश करने पर वोटिंग हो रही है. 2017 के बाद से तीन तलाक से जुड़े 543 मामले आए हैं वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 229 मामले आए हैं.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिछली लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण यह विधेयक फिर से पेश करने की ज़रूर पड़ी है. हम संसद हैं. कानून बनाना हमारा काम है. यह हमारा संवैधानिक कर्तव्य है. कानून की व्याख्या अदालत का काम है. हम अपना काम करें और संसद को अदालत न बनाएं. यह नारी न्याय और गरिमा का सवाल है. यह कैसे संभव है कि कोई सिर्फ तलाक तलाक तलाक कह कर किसी महिला को घर से बाहर कर सकता है.
तीन तलाक बिल पर विपक्षी दलों के विरोध पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सवाल नारी गरिमा और इंसाफ का है. लोकसभा को अदालत नहीं बनाएं.
ओवैसी ने तीन तलाक बिल पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है तो केरल की महिलाओं के प्रति मोहब्बत क्यों नहीं है? आखिर सबरीमाला पर आपका रूख क्या है?
एआईएमआईएम सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि मैं इस विधयेक को पेश किए जाने का विरोध करना हूँ. इसपर मैं मत विभाजन का विरोध करूंगा.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि केवल एक समुदाय को ध्यान में रखकर बिल क्यों? मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में इस बिल से कोई बदलाव नहीं आएगा.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया. इस दौरा विपक्षी दलों ने इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विरोध किया. विपक्षी पार्टियां आपराधिक प्रावधान का विरोध कर रही हैं.
टीडीपी के चार सांसद के बीजेपी में शामिल होने पर मायावती ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति सरकार की तरफ से कल देश को अनेकों प्रकार के आश्वासन दे रहे थे उसी दिन बीजेपी ने टीडीपी के 4 सांसदों को तोड़ लिया. उनमें से 2 को बीजेपी ’आंध्र का माल्या’ कहती है पर अब वे बीजेपी में आकर दूध के धुले हैं. स्पष्ट है बीजेपी ब्राण्ड आफ पॉलिटिक्स में सब जायज है कुछ गलत नहीं.
बिहार में चमकी बुखार की वजह से हुई बच्चों की मौत को लेकर राज्यसभा में 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई. बिहार में चमकी बुखार से अब तक 155 बच्चों की मौत हुई है.
बिहार में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से हुई मौत का मुद्दा आज संसद में भी गूंजेगा. आरजेडी नेता मनोज झा ने राज्यसभा में नोटिस देकर 24 जून को चर्चा की मांग की है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 11:30 बजे मुलाकात करेंगे. संसद के अंदर दोनों नेताओं की मुलाकात होगी.
दिल्ली में बढ़ती अपराध की घटनाओं को लेकर आम आदमी पार्टी केंद्र की मोद सरकार पर हमलावर है. इसपर आप संसद में भी चर्चा चाहती है. आज आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में बढ़ती अपराध की घटनाओं के मुद्दे पर राज्यसभा में शून्य काल में चर्चा के लिए नोटिस दिया है.
मोदी सरकार लोकसभा में आज फिर से तीन तलाक बिल पेश करेगी. पिछले महीने 16 वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था.
पार्श्वभूमी
17वीं लोकसभा के पहले संसदीय सत्र का पांचवां दिन है और आज लोकसभा और राज्यसभा में हंगामें के आसार हैं. वहीं सरकार अपने लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश करेगी. मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण बिल-2019’ तैयार किया गया है.
कल ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोदी सरकार की अगले पांच साल की रुपरेखा बताते हुए तीन तलाक का जिक्र किया था. उन्होंने कहा, ‘‘देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए ‘तीन तलाक’ और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी है. मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि हमारी बहनों और बेटियों के जीवन को और सम्मानजनक एवं बेहतर बनाने वाले इन प्रयासों में अपना सहयोग दें.’’
पिछले महीने 16 वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था. दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है.
सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था. इसका कारण यह है कि लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद वह राज्यसभा में लंबित रहा था.
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है और पति को इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है.