ट्रंप के बयान को लेकर राहुल का मोदी पर हमला, कहा- पीएम देश को बताएं बैठक में क्या बात हुई

पाक पीएम इमरान खान से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी का नाम लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने झूठ बोला. ट्रंप ने कहा कि कश्मीर पर मोदी ने मुझसे मदद मांगी, मैं मध्यस्थता करने को तैयार. भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज किया.

एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 23 Jul 2019 02:17 PM
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर को लेकर दिए बयान पर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी को सच बताना चाहिए. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि पीएम मोदी ने उनसे भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कहा. अगर यह बयान सही है तो पीएम मोदी ने भारत के हितों और 1972 के शिमला समझौते के साथ धोखा दिया दिया है. विदेश मंत्रालय की कमजोर दलील से काम नहीं चलेगा. पीएम मोदी को देश को बताना चाहिए कि उनके और राष्ट्रपति के बीच बैठक में क्या हुआ.''

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया से कहा- जिस बयान से अमेरिकी सरकार ने खुद इनकार किया है और सरकार भी कह चुकी है कि कश्मीर मसले पर किसी का हस्तक्षेप नहीं बर्दाश्त है. हमारे विदेश मंत्री भी साफ कर चुके हैं. ऐसे में विपक्ष का हंगामा सही नहीं है. विपक्ष के इस आचरण की निंदा करते हैं. हमारे विदेश मंत्री भी साफ कर चुके हैं. कांग्रेस को राजनीति ज्यादा पसंद है. मोदी जी की शानदार जीत पचा नहीं पा रहे हैं.
विदेश मंत्री के बयान के बाद जोरदार हंगामा हुआ और राज्यसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इससे पहले सभापति वेंकैया नायडू ने कहा- आपको अपने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से अमेरिकी राष्ट्रपति पर भरोसा है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता सकदन के बाहर थोड़ी देर में मीडिया को संबोधित कर सकते हैं.


ट्रंप के झूठे दावे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बयान दिया. विदेश मंत्री ने कहा- मैं सदन को आश्वास्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से ऐसी कोई भी मांग (मध्यस्थता) नहीं की गई है. पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की चर्चा द्विपक्षीय होगी. पाकिस्तान के साथ संबंधों पर हम शिमला और लाहौर संधि पर आगे बढ़ेंगे.
कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बयान के बाद देश में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस समेत विपक्ष मांग कर रहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में जवाब देना चाहिए. वहीं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि हम ट्रंप मुद्दे को दोनों सदनों में उठाएंगे. सोनिया गांधी से जब पूछा गया कि क्या आप पीएम के बयान की मांग करेंगी तो उन्होंने कहा कि आपको सदन में पता चल जाएगा. जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर इस मुद्दे पर सदन में बोल सकते हैं.
कांग्रेस ने लोकसभा में ट्रंप के बयान का मुद्दा उठाया, जोर दार हंगामे के बाद स्पीकर ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है. इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए, आप लोग मुद्दा उठाएं, सरकार जवाब दे. लेकिन पहले प्रश्नकाल खत्म होने दें. कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम इस पर जवाब दें, स्पीकर ने कहा कि ऐसी मांग मत करिए, सरकार को तय करना है कि कौन जवाब देगा. वहीं राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया और उन्होंने ने भी सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग की.

पार्श्वभूमी

नई दिल्ली: कश्मीर के विवाद पर भारत का हमेशा एक ही स्टैंड रहा है कि ये द्विपक्षीय मसला है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हो सकती..लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी का नाम लेकर झूठ बोला है. जिसपर भारत में विवाद खड़ा हो गया है. व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कश्मीर के मसले को सुलझाने में पीएम मोदी ने उनसे मदद मांगी. ट्रंप ने ये तक कहा कि वो मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.


 


ट्रंप ने कश्मीर को लेकर इमरान के सामने क्या कहा?
अमेरिका राष्ट्रपति ने इमरान खान की मौजूदगी में कहा, ''मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ था. हमारे बीच इस मसले पर बातचीत हुई. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप इस मसले पर मध्यस्थता करना चाहेंगे. मैंने पूछा- कहां. उन्होंने कहा कि कश्मीर. मैं आश्चर्यचकित हो गया. यह मसला काफी लंबे समय से चला आ रहा है.''








ट्रंप ने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि वे हल चाहते हैं, आप हल चाहते हैं और अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थता करके खुशी होगी. दो बेहद शानदार देश, जिनके पास बहुत स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से ये मसला हल नहीं कर पा रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं यह करूंगा.''


 


ट्रंप से इस बातचीत में इमरान खान तो डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए मिन्नतें करते दिख रहे हैं. इमरान खान उन्हें करोड़ों लोगों की दुआ देने की बात भी कर रहे हैं. लेकिन भारत ने इस मुद्दे पर ना सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का खंडन किया बल्कि साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत द्विपक्षीय ही होगी और जब तक वो आतंकवाद पर कोई ठोस कदम नहीं उठाता बातचीत का सवाल ही पैदा नहीं होता.


 


विदेश मंत्रालय ने खारिज किया ट्रंप का बयान, कहा- ऐसी कोई बातचीत नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ''हमने देखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान की ओर से ऐसी पेशकश की जाती है तो वह कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसी कोई बात नहीं कही गई. भारत अपने निर्णय पर कायम है. पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे. पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए उसका सीमा पार आतंकवाद बंद करना जरूरी है.''








विपक्ष बोला- ट्रंप को अंदाजा भी नहीं क्या कह रहे हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के भारत में विपक्ष की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ''भारत ने कभी भी कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है. डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी को देश को जवाब देना चाहिए.''








वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ''मुझे वाकई नहीं लगता है कि ट्रम्प को थोड़ा भी अंदाजा है कि वह क्या बात कर रहे हैं? या तो उन्हें किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी या वह समझे नहीं कि मोदी क्या कह रहे थे या फिर भारत का तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर क्या स्टैंड है. विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि दिल्ली ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है.''





 

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