शिखर सम्मेलन: राम मंदिर पर रविशंकर प्रसाद का बड़ा बयान, कहा- 2024 से पहले मंदिर बनाएंगे

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को लेकर विशेषज्ञों से लेकर आम जनता के मन में कई सवाल हैं. दूसरे कार्यकाल में समाज के तमाम वर्गों के लिए क्या योजनाएं हैं? देश के आंतरिक और वैश्विक स्तर को लेकर क्या नीतियां हैं? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज़ अपना लोकप्रिय कार्यकम शिखर सम्मेलन लेकर हाजिर है.

एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 17 Jun 2019 08:45 PM
रविशंकर प्रसाद ने कहा- क्या आजादी के 70 साल बाद 370 से क्या खोया और क्या पाया इस पर बहस क्यों नहीं होनी चाहिए? कुछ परिवार के लोगों को धारा 370 मसे फायदा हुआ है. कश्मीर का एक दूसरा रूप भी सामने आता है. जब सेना की भर्ती होती है तो घाटी में बड़ी संख्या में नौजवान सामने आते हैं. अब हुर्रियत का नाम सुनाई नहीं देता. आतंकियों को हमने ठंडा किया है.
राम मंदिर के मुद्दे पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- यह विषय देश के करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है. अगर आतंकियों की फांसी के लिए रात में दो बजे कोर्ट खुल सकता है. अगर कर्नाटक के बहुमत के फैसले के लिए रात में कोर्ट खुल सकता है. तो राम मंदिर जैसे आस्था से जुड़े मामले में जल्द फैसला सुनाए. मैं मुस्लिम समाज से भी अपील करता हूं कि वो आगे आएं और कहें कि हम राम मंदिर के लिए अपना दावा छोड़ने को तैयार हैं. इससे देश में भाईचारे की नई मिसाल पेश होगी. 2024 से पहले हम राम मंदिर बनाएंगे.
राम मंदिर के मुद्दे पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- राम मंदिर का मुद्दा चुनाव का मुद्दा नहीं है. यह देश की आस्था का सवाल है. हमारी भी आस्था है कि भव्य राममंदिर बने. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का मंदिर भी मर्यादा से बनेगा. मैं सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करता हूं कि इस मामले में जल्द फैसला सुनाएं. फिलहाल मामला मध्यस्थता में है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- तीन तलाक का मुद्दा नारी गरिमा और नारी न्याय का है. मैं ममता बनर्जी, मायावती और सोनिया गांधी से निवेदन करता हूं कि इस सियासत ना करें. ओवैसी साहब को मैं महत्व नहीं देता, उनकी बात का जवाब देने के लिए तेलंगाना बीजेपी के प्रवक्ता ही काफी है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- चमकी बुखार से बच्चों की मौत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. जो कमियां हैं उनमें सुधार की जरूरत है. ये एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जिससे निपटने की जरूरत है. हमें सीखने की जरूरत है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- 17 राज्यों में कांग्रेस का खाता नहीं खुला. कांग्रेस के दिग्गज नेता हार गए. बीजेपी को युवाओं को वोट मिला. बीजेपी को मुस्लिम महिलाओं का भी वोट मिला. मैं ढूंढ रहा हूं कि आरजेडी पार्टी हमारे राज्य बिहार में कहां है. कांग्रेस किशनगंज सीट मुश्किल से जीती. बंगाल जैसे राज्य में भी बीजेपी जीती. बीजेपी की जीत बड़ा परिवर्तन है, इस बड़े बदलाव में बुआ-बबुआ सब चले गए. देश को भरोसा है कि मोदी के हाथ में देश सुरक्षित है.
शिखर सम्मेलन के अंतिम सत्र में मंच पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद हैं. रविशंकर प्रसाद के पास कानून मंत्री हैं. प्रसाद के पास संचार और आईटी मंत्रालय भी है. मोदी सरकार 1 में भी कानून मंत्री थे.
बाबुल सुप्रियो ने कहा- बंगाल में सीपीएम ने खुद को खत्म किया. इसके बाद ममता बनर्जी आई, उन्होंने परिवर्तन का सपना दिखा. लेकिम ममता बनर्जी ने सीपीएम के आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. उन्होंने तय कर लिया कि हिंसा के रास्ते से ही आगे बढ़ना है. बंगाल में आज ये हालत है कि जूनियर डॉक्टर मीडिया के बिना ममता बनर्जी से बात नहीं कर रहे हैं. उन्हें डर है कि वो अकेले में भी उन्हें धमका सकती हैं.
शिखर सम्मेलन में अगले मेहमान हैं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- जनता पर मेरा भरोसा इसलिए है क्योंकि जनता को मोदी पर भरोसा है. कांग्रेस अगर सुझाव मांगे तो जरूर देंगे. लेकिन वो तो पता नहीं कहां कोपभवन में बैठे हुए हैं. यह उनका व्यक्तिगत मामला है. मोदी, अमित शाह, अटल जी, आडवाणी जी ये सब कहां से आए. ये सब प्रचारक थे, संवृद्ध नहीं थे. ये होता है जनता की पार्टी जनता ही बढ़ाती है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- राजस्थान में पांच महीने पहले ही कांग्रेस को सत्ता मिली थी लेकिन उन्होंने जो वादा खिलाफी की वो हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया. लोगों को लगा कि हमें जिस बात का आश्वासन मिला था वो काम तो हुआ ही नहीं. राजस्थान में हर एक घर में गए, सभी लोगों से मिले. लोग मोदी के लिए वोट कर रहे थे. लोग कह रहे थे कि मोदी गरीबी से आए हैं, इसलिए गरीब के लिए काम करेंगे.
प्रेस की स्वतंत्रता के सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- देश के 70 साल के इतिहास में मीडिया की स्वतंत्रता पर आंच सिर्फ 1975 में आपातकाल के दौरान आई. 1975 में लाखों लोग जेल में डाले गए. प्रेस की आजादी हमारे लिए महत्वपूर्ण है, इसके लिए हम लड़े हैं.
रोजगार के सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- युवाओं का स्किल बढ़ाना भी जरूरी है. सैंपल सर्वे की जो पुरानी पद्धति है वो आज के समय में पूरी तरह से लागू नहीं होती. अगर नए पीएफ अकाउंट लगातार बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि नए रोजगार मिले. पिछले पांच साल में रोजगार बढ़ा है. उससे पहले सात-आठ साल में नहीं बढ़ा उसका असर भी पड़ा है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- प्रदूषण से लड़ाई रोज लड़नी है. पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का काम होता है, इसमें कमी आई है. हम सुधार की दिशा में हैं. दिल्ली में औद्योगिक प्रदूषण बड़ी समस्या है. दिल्ली के नजदीक के ईंट भट्टे बंद किए गए. मेट्रो ने एक पेड़ के बदले पांच पेड़ लगाए, पेड़ों को ट्रांसप्लांट भी किया गया.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- सिर्फ दिल्ली में प्रदूषण नहीं है. दुनिया के अलग अलग देशों में कई तरह का प्रदूषण है. दिल्ली में जो एयर शील्ड में हरियाण, उत्तर प्रदेश, राजस्थान का हिस्सा आता है. आज प्रदूषण वाहनों से करीब 20-22% प्रदूषण होता है. दिल्ली में बीएस-6 ईंधन मिलने लगा. अगले साल से जो गाड़ियां मिलेंगी वो BS6 ईधन को ही सपोर्ट करेंगी. पेरिफेरल वे का छोटा सा हिस्सा बचा है, बीस साल में जो बायपास नहीं बना था वो पूरा हो गया. आज 60 हजार ट्रक जो बिना काम के दिल्ली में वो अब दिल्ली के बाहर निकलते हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- गंगा सिर्फ नहीं नहीं बल्कि हमारे लिए आस्था का विषय है. गंगा की निर्मलता को बनाए रखने के लिए 258 परियोजनाएं बनी हैं. हमारा अमुमानित लक्ष्य है कि गंगा में एक बूंद पानी भी बिना ट्रीटमेंट के ना गिरे. इसके साथ ही हमारा लक्ष्य है कि सभी 258 परियोजनाओं को 2022 तक पूरा कर लिया जाए. जब ये होगा तब बड़ा बदलाव नजर आने लगेगा.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- पानी के विषय को सरकारी विषय से हटाकर जनआंदोलन नहीं बनाएंगे, लक्ष्य हासिल नहीं होगा. इसे जनआंदोलन कैसे बनाया जाए इस विचार हो रहा है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- बारिश के पानी को जमा करने पर काम हो रहा है. इलाके के हिसाब से योजना को लागू किया जाएगा. राज्यों की योजना के मुताबिक भी काम होगा. हर घर तक पीने का पानी पहुंचाना प्रधानमंत्री का सापना है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने का संकल्प है. पानी के ट्रीटमेंट की भी प्लानिंग हो रही है. पीने का पानी पहुंचाने की योजना तैयार है. राज्यों को अपनी योजना बनाने को कहा है. 2024 तक 100% घरों तक पीने का पानी उपलब्ध हो जाएगा.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- सिर्फ मंत्रालय का नाम नहीं बदला है इसकी संरचना भी बदल गई है. जल शक्ति मंत्रालय में पानी से जुड़े कई अन्य मंत्रालय भी एक साथ आए हैं. पानी के सही इस्तेमाल से जन आंदोलन बनाना होगा. पानी पहुंचाने का जिम्मा तो राज्य सरकारों का है. मंत्रालय संभालने के बाद हमने राज्यों के साथ बात की. राज्यों से सहयोग मिलने पर वक्त से पहले लक्ष्य हासिल कर लेंगे.
शिखर सम्मेलन के मंच अगले मेहमान हैं जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत. बता दें कि जल शक्ति मंत्रालय इस बार नया मंत्रालय बनाया गया है. शेखावत राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- मैं ममता बनर्जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि केंद्र की योजनाएं सिर्फ उनके लिए नहीं हैं. ये पश्चिम बंगाल की गरीब जनता के लिए हैं. अगर ये योजनाएं लागू नहीं होती पश्चिम बंगाल की गरीब जनता के साथ अन्नाय होगा.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- समर्थन मूल्य पर सरकार ने पांच साल में 10 गुना ज्यादा खर्च किया. सूखा से निपटने के लिए राज्य के साथ सहयोग कर रहे हैं. कृषि का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- उत्पादन में देश काफी आ जा चुका है, कम कीमत मिलने से किसानों का नुकसान हो रहा है. किसानों के नुकसान को कम करने का काम हो रहा है. मोदी है तो मुमकिन है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- वैज्ञानिकों की मदद से किसानों का विकास हुआ. कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर फोकस जरूरी है, पहले की सरकार में कृषि पर ध्यान नहीं दिया गया. पहले किसान को जब यूरिया की जरूरत होती थी उसी वक्त किल्लत हो जाती थी. लेकिन मोदी जी ने यूरिया की नीम कोटिंग करके इस समस्या को खत्म किया. अब यूरिया को लेकर हाहाकार नहीं होता है.
शिखर सम्मेलन में अगले मेहमान मोदी सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं. नरेंद्र सिंह तोमर बताएंगे कि देश में किसानों की दशा को और कैसे मजबूत किया जाए. अगले पांच साल को लेकर उनके पास क्या रणनीति हैं.
नितिन गडकरी ने कहा कि चुनाव आते-जाते रहते हैं लेकिन ऐसे फैसले या एलान नहीं होने चाहिए जो देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ा दे. मेट्रो मेन ई श्रीधरन ने जो कहा है कि फ्री मेट्रो सेवा देने से बोझ बढ़ेगा वो बिलकुल सही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके सुझाव पर अमल करना चाहिए.
नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में फ्री मेट्रो का सुझाव अच्छा नहीं है. इसका खर्च दिल्ली सरकार को अपने खजाने से देना पड़ेगा. मैं केजरीवाल को सुझाव देता हूं अगर दिल्ली की बसें इलेक्ट्रिक पर चलेंगी तो उससे किराया कम हो जाएगा.


नितिन गडकरी ने कहा कि दिसंबर तक दिल्ली से मेरठ जाने वाली सड़कों पर जो काम चल रहा है वो पूरा कर लिया जाएगा और मैं ये भरोसा दिलाता हूं कि दिसंबर तक मेरठ से दिल्ली आने में 45 मिनट लगेंगे.
नागपुर में 400 बायो बसें भी आने वाली हैं. एयरबसें भी बायो एनर्जी से उड़ने को तैयार होने वाली हैं. इलेक्ट्रिक पर चलने वाली ऑटो रिक्शा को परमिट से मुक्त किया जाएगा. इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा बिना परमिट के चलेंगी. बायो ईंधन वाली इलेक्ट्रिक टू व्हीलर भी बन चुकी है जिससे देश को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी.
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 11 हजार करोड़ रुपये की एथनॉल की अर्थव्यवस्था है और इस पर काम किया जा रहा है. मेरी शैली है कि मैं वेस्ट टू वैल्थ क्रिएट करने पर काम करता हूं. आगे चलकर ट्रक, बस, कारें सब एथनॉल से चलेंगी. देश की अर्थव्यवस्था 2 लाख करोड़ रुपये की बनाने का लक्ष्य है और इस दिशा में उनका मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है.
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय के कामकाज से दिल्ली में 40 फीसदी प्रदूषण कम हुआ है और सड़कों के बाद नदियों के प्रदूषण को कम करने पर भी काम किया जाएगा. दिल्ली में सड़कों के तंत्र को इस तरह बनाया जा रहा है कि ट्रैफिक की समस्या को भी कम किया जा सकता है और उनका मंत्रालय इस पर काम कर रहा है.


दिल्ली में 50,000 करोड़ रुपये के सड़कों के काम एक साल में और 5000 रुपये के जल संसाधनों के काम 2 साल में पूरे किए जाएंगे. दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें भी आने वाली हैं. 2 साल में दिल्ली को वायु और जल प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी. इसके अलावा पराली जलाने से हुए प्रदूषण को कम करने के लिए भी उनका मंत्रालय काम कर रहा है. योजना के तहत पराली को जलाने के बजाए उसका ईंधन के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए सिस्टम बनाया जा रहा है.-नितिन गडकरी
शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मंच पर आ चुके हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- मैं जिन्ना की सोच का समर्थन की सोच का समर्थन नहीं करता. भारत के मुसलमानों ने जिन्ना को ठुकरा दिया. जिन्ना की कब्र पर तारीफ करने आडवाणी गए मैं नहीं गया. बीजेपी अभी भी बंटवारे के दौर से बाहर नहीं निकल पा रही है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- कलाम के जनाजे में कितने मुसलमान गए ? अफजल याकूब मेमन के जनाने में ज्यादा लोग गए. मुसलमानों ने मौलाना आजाद को अपना नेता नहीं माना बल्कि जिन्ना को अपना नेता माना. क्योंकि वो कट्टरवादी सोच का समर्थन करता था.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- मुसलमानों के इलाकों में स्कूल नहीं खुलते, मुसलमानों के इलाकों में पहले थाने खुलते हैं फिर शराब खाने खुलते हैं. 70% आबादी वाले इलाकों में स्कूल खोले जाएं. मुसलमानों के स्कूल से ड्रॉप आउट की वजह पैसे की कमी. मुसलमान मोदी से डरने वाले नहीं है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- मोदी सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया. वाजपेयी के जमाने से सबको विश्वास में लेकर चल रहे हैं. गुजरात में मुसलमानों की हालत सबसे अच्छी लेकिन बंगाल में मुसलमानों की आर्थिक हालत सबसे खराब है.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- 1984 में आखिरी बार मुस्लिम सांसद जीता उसके बाद से कोई नहीं जीता. अहमदाबाद के मुस्लिम इलाकों से मेट्रो नहीं गुजरती. धार्मिक आधार पर मुसलमानों का आरक्षण की जरूरत नहीं. पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण मिले.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- 70 सालों में मुसलमानों को सबने धोखा दिया. बीजेपी सबका विश्वास की बात करती है तो एक मुसलमान को जिता देते. आप महिलाओं की बात करते हैं लेकिन जब कोर्ट ने सबरीमाला को लेकर फैसला दिया आप उसके खिलाफ थे. जब जल्लीकट्टू पर फैसला आया आप उसके खिलाफ थे.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- खौफ पैदा करने वाली राजनीति खत्म हो गई. जाति, वोटबैंक का समीकरण इस बार टूट गया. बिहार में MY समीकरण टूट गया. पश्चिमी यूपी में चौधराहट खत्म हो गई. साध्वी प्रज्ञा पर अभी कोई आतंकवाद का आरोप है क्या ? कांग्रेस आठ साल लगी रही लेकिन चार्जशीट फाइल नहीं कर पाए. मोदी सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- लोकसभा में सबसे ज्यादा ऊंची जाति के लोग जीतकर आए हैं. कैबिनेट में भी सबसे ज्यादा ऊंची जाति के लोग हैं. अगर मैं कहता हूं कि 'हम यहां किराएदार नहीं हैं' तो सिर्फ संविधान की बात दोहरा रहे हैं. संविधान सबको समान अधिकार देता है.
थोड़ी देर में शुरू होगा एबीपी न्यूज़ का शिखर सम्मेलन. सबसे पहले मेहमान होंगे बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी. लाइव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें.

पार्श्वभूमी

नई दिल्ली: 17वें लोकसभा का प्रथम सत्र शुरू हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने आज लोकसभा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को लेकर विशेषज्ञों से लेकर आम जनता के मन में कई सवाल हैं. दूसरे कार्यकाल में समाज के तमाम वर्गों के लिए क्या योजनाएं हैं? देश के आंतरिक और वैश्विक स्तर को लेकर क्या नीतियां हैं? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज़ अपना लोकप्रिय कार्यकम शिखर सम्मेलन लेकर हाजिर है. इसमें हम मोदी सरकार के तमाम मंत्रियों से उनके योजनाओं और नीतियों को लेकर सवाल पूछेंगे. शिखर सम्मेलन में नितिन गडकरी, प्रकाश जावड़ेकर, किरेन रिजिजू, बाबुल सुप्रियो, गजेंद्र सिंह शेखावत, सुधांशु त्रिवेदी, नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे. इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद रहेंगे.

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