पंजाब के संगरूर में बोरवेल में गिरे 2 साल के फतेहवीर की मौत, 5 दिनों बाद आज निकाला गया था बाहर

दो साल के फतेहवीर की अस्पताल में मौत हो गई है. वह 6 जून को शाम करीब चार बजे खेलते खेलते बोरवेल में गिर गया था. एनडीआरएफ, सेना और जिला प्रशासन को मिलाकर कुल 26 सदस्य बचाव अभियान में जुटे थे.

एबीपी माझा वेब टीम Last Updated: 11 Jun 2019 10:25 AM
पंजाब के संगरूर में पिछले पांच दिन से बोरवेल में गिरे दो साल के फतहवीर की मौत हो गई है. फतहवीर को आज सुबह करीब 5 बजे कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया था. जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
पंजाब के संगरूर में पिछले पांच दिन से बोरवेल में गिरे दो साल के फतहवीर की मौत हो गई है. फतहवीर को आज सुबह करीब 5 बजे कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया था. जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति प्रदान की गई थी और बच्चे पर नजर रखने के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था. सूत्रों के मुताबिक 5 दिन तक उसे कुछ खाने के लिए नहीं दिया गया था. बच्चे का मुंह मिट्टी में धसा हुआ था.
बच्चे का पूरा नाम फतेहवीर सिंह है जो कल ही दो साल का हुआ है. फतेहवीर संगरूर जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास सूखे पड़े बोरवेल में 6 जून शाम करीब चार बजे खेलते खेलते गिर गया था.


पंजाब के संगरूर में एक मासूम को बचाने की जो कवायद 108 घंटे से चल रही थी, वो आज सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर खत्म हो गई. करीब 150 फीट गहरे बोरवेल से फंसे 2 साल से मासूम फतेहवीर को बाहर निकाल लिया गया.

पार्श्वभूमी

संगरूर: पंजाब के संगरूर में 108 घंटे बाद 2 साल के मासूम फतेहवार को बोरवेल से निकाल लिया गया है. बोरवेल से निकालने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया है. फतेहवीर का इलाज चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है. काफी कोशिशों के बाद भी जब फतेहवीर नहीं निकला तो उसे लोहे का कुंडा डालकर बाहर खींचा गया. पांच दिन पहले फतेहवीर डेढ़ सौ फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था.


 


6 जून को खेलते खेलते बोरवेल में गिरा था मासूम


 


बच्चे का पूरा नाम फतेहवीर सिंह है जो कल ही दो साल का हुआ है. फतेहवीर  संगरूर जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास सूखे पड़े बोरवेल में 6 जून शाम करीब चार बजे खेलते खेलते गिर गया था. बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति प्रदान की गई थी और बच्चे पर नजर रखने के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था.


 


राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय सेना और जिला प्रशासन के कर्मचारियों को मिलाकर कुल 26 सदस्य सुनाम प्रखंड के भगवानपुरा में बचाव अभियान में जुटे थे.  इस घटना से कुरूक्षेत्र में 2006 में गिरे बच्चे प्रिंस को बचाने की याद ताजा हो गई हैं. प्रिंस को करीब 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया था.








हेल्पलाइन नंबर पर दें खुले बोरवेल की जानकारी


 


कल एक ट्वीट में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि सभी डिप्टी कमिश्नर्स को कहा गया है कि किसी भी जिले में खुले हुए बोरवेल न बचें और उन सभी से 24 घंटों के भीतर इसके लिए रिपोर्ट देने को कहा गया है. अगर आपके पास अपने इलाके में किसी खुले बोरवेल की जानकारी है तो हमारे हेल्पलाइन नंबर 0172-2740397 पर कॉल कर सकते हैं.


 


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